बाप बना लखवी, झल्लाए ओवैसी – पाकिस्तान को फिर से ग्रे में डालो जी

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जब अल्जीरिया दौरे पर गए तो सोचा था कुछ शांति, कुछ रिश्ते, कुछ बिरयानी की बात होगी। लेकिन वहां से उन्होंने पाकिस्तान पर टारगेटेड मिसाइल फेंकी — और वो भी शब्दों की।

“पाकिस्तान पूरे दक्षिण एशिया को अस्थिर करने पर तुला है,” ओवैसी बोले — और साथ ही ज़िक्र किया कि पाक में आतंकियों को वो VIP ट्रीटमेंट मिलता है, जो इंडिया में नेताओं को भी मुश्किल से मिलता है।

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लखवी जेल में अब्बू कैसे बन गया? ओवैसी का तीखा सवाल

जकीउर रहमान लखवी — वही मुंबई हमले वाला आतंकी। ओवैसी ने कहा:

“दुनिया में कोई देश ऐसा नहीं जहां जेल में बैठा आतंकवादी पिता बन जाए। लेकिन पाकिस्तान में सब मुमकिन है, यहां लखवी जेल में ही बाप बन गया!”

अब ये तो साफ है — जेल पाक में ‘संस्कारशाला’ नहीं, ‘परिवार योजना केंद्र’ बन गई है।

FATF का डर ही पाकिस्तान को सीधा रखता है

ओवैसी ने पूरी गंभीरता से कहा कि FATF की ग्रे लिस्ट में वापस पाकिस्तान का जाना बेहद ज़रूरी है। ये वही लिस्ट है जिससे डर कर पाकिस्तान आतंकवादियों पर थोड़ा बहुत एक्शन लेता है।

“जब लखवी पर केस चला, तो सिर्फ इसीलिए कि FATF का दबाव था।”

मतलब पाक में कानून तब चलता है, जब इंटरनेशनल दबाव हो — वर्ना आतंकी ‘फैमिली मैन’ बनकर निकल जाते हैं!

भारत की चिंता: अब ये सिर्फ दक्षिण एशिया की समस्या नहीं

ओवैसी ने ये भी कहा कि:

“भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। क्या आप चाहते हैं कि यहां आतंकवादी खुला घूमें?”

उन्होंने ये साफ किया कि आतंकवाद अब सिर्फ भारत-पाक का विषय नहीं, बल्कि एक वैश्विक सिरदर्द बन चुका है।

दुनिया सोच रही है, पाकिस्तान क्या करे? ओवैसी बोले — पहले FATF से दोबारा ग्रे कराओ, फिर बाकी देख लेंगे।

भारत-अल्जीरिया: रिश्तों में मिठास

अपने भाषण के आखिर में ओवैसी ने डिप्लोमैसी का गुलाब भी पेश किया। कहा:

“प्रधानमंत्री मोदी जल्द अल्जीरिया आएं और अल्जीरिया के राष्ट्रपति भारत दौरे पर जाएं, ये दोनों देशों के लिए अच्छा होगा।”

मतलब झाड़-फूंक के बाद अब बिछावन भी बिछा दी गई है। पाकिस्तान को सुनाया भी, और रिश्ते भी चमकाए।

जेल में बाप बनने वाला देश और अल्जीरिया में डांट खाने वाला पड़ोसी

ओवैसी ने दिखा दिया कि वो सिर्फ भारत की संसद में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी बोल सकते हैं — और गरमागरम तरीके से बोल सकते हैं।

जब लखवी जेल में अब्बू बन सकता है, तो ओवैसी अल्जीरिया में ‘डिप्लोमैटिक डांट मास्टर’ क्यों नहीं बन सकते?

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